भाटा हुवै कई भांत रा !
मूर्ति आळा
मील आळा
आंगण आळा
चिणाई आळा
रोड़ी आळा
कच्चा अर पक्का भाटा !
पण फर्क हुवै है
आं भाटा,भाटा मांय भी
कैई पूजीजै
कैई मार्ग दिखावै
कैई आसरौ दैवे !
पण
कैई नीकमा भाटा
निरा भाटा इज भीड़ावै।