विज्ञान ना

मास्तर भणाव्यू'तु

मनक ना मन में भी

भैंते रएँ

ऐना थकी

श्यार भाग पड़ें

बे ऊपर ना ने बे नीसे ना

तो भणवा नी वात थई

गणवा मएँ जूदी है

मन नी जात

मूट्ठी भेर काळजा मएँ

मनक ऊबी करै घणी भैंते

कारेक बूलीने

ने कारेक अबोले

भैंते पाडवा

औजार कै

कोय मसीन न्हे है

लगाडवू पड़े

सब्दँ नु मल्लम

भैंते सणवानु ने

पाडवानु बेय काम

सब्द थकी थाय

गजब नो कारीगर

तो उपर वाळो

एणे होंठ बणाव्या

धनुस आकार ना

अना धनुस थकी

तीर सुडी नै

भैंते ऊबी करो

के ऊबी भैंते पाडी नाकौ

मरजी एणे

धनुस नो उपयोग

करवा वारा माते सूडी है

स्रोत
  • सिरजक : आभा मेहता 'उर्मिल' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी