मंदिर, मस्जिद, गिरजा अने गुरुद्वारा में?

अयोध्या, मक्का, यरुशलम अने स्वर्ण मंदिर में?

मो हौदी-हौदी नै थाक्यो

पण भगवान नैं मल्यो

भगवान क्यं है?

मनै कोई तो वताड़ौ

आपडै़ मयें हौद्यो

आत्मा अनै मन मल्यु

मन नी वात मानी तो मु

कंस, दुःशासन अने रावण बण्यो

पसे

आत्मा नी वात मानी तो मु

कृष्ण, अर्जुन अने राम बण्यो

मैं दैक्यु

आदमी नर थकी नराधम बणी शके है

अने

आदमी नर थकी नारायण बणी शके है

आदमी माते है के

हुं बणवु चाहे है

भगवान के राक्षस।

स्रोत
  • पोथी : वागड़ अंचल री ,
  • सिरजक : जवाहर 'तरुण' ,
  • संपादक : ज्योतिपुंज ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham
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