मूंगैछम रूंख री

छियां हेठै

ऊगी

अेक कूंपळ,

स्यारो जोय’र

बिलूंबगी बेलड़ी

अर देखै

दुनिया

नूंवी निजर सूं।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थली ,
  • सिरजक : किरण राजपुरोहित ‘नितिला’ ,
  • प्रकाशक : राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति श्रीडूंगरगढ
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