किड़ी नै
कण
अर
हाथी नै
मण
देवै तो
राम ई है
पण बा
उण रै
भरोसे
नीं
रैहवै
अर आदमी!
आदमी तो
काम सरू ई
राम भरोसे
करै।
स्रोत
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पोथी : राजस्थली
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सिरजक : मनोजकुमार स्वामी
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संपादक : श्याम महर्षि
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प्रकाशक : राजस्थानी साहित्य संस्कृति पीठ राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति (बीकानेर)