दान मिल्योड़ी गाय रा
किस्या दांत अर किसी दाढ?
कांख दबावै साख-गुवाड़ी
खेत चबावै बाड़!
बांट-चूंट में दोनूं धाप्या
भूल्या झगड़ा राड़,
बेनां दोय भायला जाया
ओ काया वो हाड़!
चाकर देख चकारी देखी
अेक चणौ दोय फाड़,
सुरग नरक री वैतरणी
पूंछ कट्यौड़ी गाय!
खोटा करम जमारो काळो
पार किंयां अब जाय
करम बांट ले हद सूं हद
नरक बांट नीं पाय।