बलम म्हारो चतर हुयो, मोबाईल सूं प्रेम करै
बलम हुसियार हुयो, दो दो सिम सूं बात करै.
घर मांय थकियो हारो आवे, चा पीया पछे सुस्तावे
घर रा कारज होवे कोनी, बैठा बैठा हुकुम चलावे
चेटिंग सेटिंग रात रात भर,किण किण नै याद करै ...
मोड़ा जद भी घरे पधारे,भौलौ मुंढो झट सूं बणावे
मोटा मोटा कारण बतावै ,बाता सूं ऐ लाड़ लड़ावे
बारे मुळके घर में मून, जाणे कितरा स्वांग धरे..
भायला सागे राजी रैवे, दिन भर चरता फिरता रैवे
घर री दाल दाय नी आवे , काण कसर काढता रैवे
पराई थाली घणो ई दिसे, कुण किने मनुहार करै..
घर मांय राजी म्हाने राखे, बारे कितरा नैण मिलावे
कैवे खुद नै भोला डाला, गजब रा गोला चलावे
इक रमतिये रै कारणे ऐ, नुवा नुवा रुप धरे ....