बाजबा लाग्यौ तातौ-तातौ बायरौ

गल्यां करबा लागी सांय-सांय।

घुस गिया मनख सग्ला घरां माय।

लू मारबा लागी थपेडा

गालां पे पडबा लाग्या चपेड़ा।

ढांड़ा-ढोर सिजबा लाग्या

रुखड़ा सूखण लाग्या।

जतरी तपसी रोहिणी

उतरी आसी बरखा राणी।

थोडो थावस राखौ भाया।

स्रोत
  • सिरजक : शकुंतला अग्रवाल 'शकुन' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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