मा मन्है अेक सपनो आयो

सपनै में लाठी लियोड़ा

ऊंची सी धोती पेर् योड़ी

अेनक गोळ लगायां सु'णी

अेक घड़ी कमर लटकै ही

मूंढै माथै घणो तेज हो

अेक हाथ में पकड़ी पौथी

पौथी नै गीता केवै हा

छोटी सी कद काठी बां री

पण होंसळो भोत बड़ो हो

हंस मुळक बातां करता बै

मधरा मधरा मीठा मीठा

हाल चाल सब सूं पूछै हा

खा'ता खा'ता डिग धरै हा

म्हैं सुण्यो बै बड़ा लड़ाकू

अंगरेजां नै काढ बगाया

हिंसा री हामळ ना भरता

बिना कोई बंदूक उठायां

मा! लोग केवै बै आंधी हा

सुण लाडेसर! बै गांधी हा

स्रोत
  • पोथी : आजादी रा भागीरथ : गांधी ,
  • सिरजक : राजूराम बिजारणियां ,
  • संपादक : वेद व्यास , श्याम महर्षि ,
  • प्रकाशक : राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति ,
  • संस्करण : 1
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