हांजी
म्हूं बहरूपिया हूं
अबा'र कोई रूप मांय
तो पच्छै कोई और।
दिनु'गे कीं और होवूं
सिंझ्या ने कीं और।
करूं हूं ढोंग
लोगां रै साम्ही आच्छो बणनै रो
पण बण कठै पावूं
अपणायत रै बिचाळै
लुटा गै सो कीं
आ ज्यावूं हूं खाली हाथ वापस
घरां।
और दिखाऊं हूं इंया..
जिंया
हासिल करली हुवै
दुनिया सारी।
हांजी
थै सही हो
म्हूं...
म्हूं बहरूपिया हूं