बाहरा सारा, अन्दर सारा।
बदळ गया हैं मंजर, सारा॥
बजा रह्या डुगडुगी जमूरा—
नाच रह्या, बाजीगर, सारा॥
संग-तराश नहीं व्हैता तो।
पत्थर रैता पत्थर सारा॥
के दैस्यी इक बूंद सीप नै—
दिल सूं तंग समन्दर सारा॥
मिनख जाण जिण किण स्यूं मिलिया।
बै निकळ्या पैगम्बर सारा॥
मूंछ मरोड़ै नाग, नगर में—
असरहीन हैं मंतर सारा॥
स्वागत गीत उंदरा गा रह्या—
मुळ्क रह्या हैं अजगर सारा॥