कोनी रैयो अबै

बगत इमानदार

कोनी बरसी रूत में बिरखा

सूखा पड़्या खेत

पड़्या खाली खलिहान

बणग्यो बगत

मिनख जिस्यो बेईमान।

स्रोत
  • पोथी : बिणजारो पत्रिका ,
  • सिरजक : कन्हैयालाल सेठिया ,
  • संपादक : नागराज शर्मा
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