बदळाव

पैली-

घरां सूं निसर्‌‌या गेला

दूजै, तीजै कै चौथै घरां

कै पछै आंतरै

गुवाड़ जायनै पूठा

बावड़ जावतां

सागी आपरै घरां

ठावी ठौड़।

आज-

घर सूं निसर्‌‌या गेला

घर-गुवाड़ डाकता थका

पूगै खाकी री चोगट

धोळपोस री कोठी

बैनर बंद दळदळ में

चौरावां री निखट्टू भीड़ भेळै

इण पछै ठाह नीं

गेला कठै गम जावै

पूठा बावड़'नै

घर ताणी कोनी पूगै।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : राजेन्द्र शर्मा ‘मुसाफिर’ ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
जुड़्योड़ा विसै