माणस चल्या जावै
पण बातां रह जावै
सुणनियां चावै ना सुणै
पण,
कैवणियां तो कै'जावै
थोड़ो बोलै, अर
बोळो सुणै
बो’ई गुणीजै
थोड़ो बोलण आळो ई
बोळो सुणीजै
स्याणा माणस काढै
बात रो नीतार
बै आगै जद्ई बौले
दिखै बांनै कीं सार।