घड़बड़ घड़बड़ करती जावै, कस'र बांध्यो धाबळियो॥
माथै तगारी,हाथ कबाड़ी, खांधे बांध्यो टाबरियो॥
एक हाथ में भातो ले'र,बा जावै,बा जावै।
बा कुण जावै? बा कुण जावै ?
जाय खेत में बैठे कोनी,काम करै है दिन सारो।
खेता में विसराम कठै है, बळदा ने नांखे चारो
दुवै-बिलोवे,पोसे-पौवे, पछै नित खेतां जावै।
बा कुण जावै? बा कुण जावै?
खूड़-सबाड़-निनाण करावै,भर भर पाणी ल्यावै है।
आंवती ईधण लै आवै,टाबरिया रमावै है।
आ लिछमी है करसा री, जिकी खेत में जावै है
बा कुण जावै? बा कुण जावै?