दिनुगै चाय री ताजगी मांय

अखबार री सुर्खियां साथै

बस मांय रगड़ खावता खांधा माथै

दफ्तरां मांय, धंधा मांय

भरै बजार मांय

भीड़ मांय, निरायंत मांय

ढळतै सुरजी मौकै

मून छात माथै

भींज्योड़ै आभै मांय

अर अणमणै बाग री

अळसायोड़ी दूब मांय

म्हैं थनैं देखूं हूं

हेरूं हूं

पा लेवूं हूं

अर खो देवूं हूं...।

स्रोत
  • पोथी : मंडाण ,
  • सिरजक : कुमार अजय ,
  • संपादक : नीरज दइया ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण