लोग एक तीर सूं

दो सिकार करै...

पण म्हैं तो

एक सूं

सौ करूं!

एक गपोड़ सरकाऊं

अर थोक रा थोक

लमलेट होवता दीसै

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुनियोड़ी ,
  • सिरजक : भरत ओला
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