सगळो

गांव बांटै हो

बधाई

बीं रै अफसर

बणणै री

अर बांटै भी

क्यूं नीं

छेकड़ गांव में

पैली बार कोई छोरो

अफसर बण’र आयो है

पण मां रो काळजो बैठतो ज्यावै हो

क्यूंकै बा जाणती ही

कै अफसर कदै

गांवां मांय थोड़ी रैसी?

स्रोत
  • पोथी : अैनांण ,
  • सिरजक : आशीष पुरोहित ,
  • प्रकाशक : गायत्री प्रकाशन
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