अन्यायां की घाली परजा, चाली हो राजाजी,

या खड़ी पुकारै राजाजी, तू मान म्हारा राजाजी।

बाहर का अन्यायां नै तैं, राज सोंप्यौ राजाजी,

मार भी लगावै रोवण नांय देवै राजाजी,

हेलो तो मारां छां जल्दी सुणजे हो राजाजी।

अन्यायां की घाली परजा, चाली हो राजाजी!

भूखा रोवै टाबरिया पण माल मांगै राजाजी,

झुंझणू जैपुर में लाठ्यां टूटी म्हारा राजाजी,

ये बहोत मार् ‌या राजाजी, हां खाल उधेड़ी राजाजी।

अन्यायां की घाली परजा, चाली हो राजाजी!

परजा नै सतावै लूट मचावै म्हारा राजाजी,

करै जो पुकार, बांनै जेळां भेजै राजाजी,

ईं भांत अन्यायी राजाजी, दया आवै राजाजी।

अन्यायां की घाली परजा, चाली हो राजाजी!

परजामंडळ परजा को यां बंद करायो राजाजी,

किसान पंचायत हाळां नै, जेळां में भेज्या राजाजी,

न्याय कोन्या करै राजाजी, इंसाफ कोन्या राजाजी।

अन्यायां की घाली परजा, चाली हो राजाजी!

बारै का भूखा जी अठै, आया जांचण राजाजी,

म्हैर थे करी थी और नौकर राख्या राजाजी,

मालिक वै बण्या छै आंख दिखावै म्हारा राजाजी।

अन्यायां की घाली परजा, चाली हो राजाजी!

बदनाम करै राजाजी, ईं दीवाण हटायौ राजाजी,

नाम थारो मान मांड, हुकम निकाळै राजाजी,

धन माल सारो यो विलायत भेज्यौ राजाजी।

अन्यायां की घाली परजा, चाली हो राजाजी!

रुजगार मेट्यो राजाजी, थे आंख्यां खोलो राजाजी,

परजा अब घबराई सोर मचायो प्यारा राजाजी।

जेळां में जावै छै लाठी खावै म्हारा राजाजी।

गोळ्यां भी खावांगा, तो हेलो मारै राजाजी।

या बात कैसी राजाजी।

अन्यायां की घाली परजा, चाली हो राजाजी!

आप भी मिटैगा और थांनै मिटावै राजाजी,

परजा के इब साथ थे तो जल्दी होल्यो राजाजी,

जभी बचोगा राजाजी, जद प्यारा लागो राजाजी।

अन्यायां की घाली परजा, चाली हो राजाजी!!

स्रोत
  • पोथी : स्वतंत्रता संग्राम गीतांजली / स्वतंत्रता आंदोलन की राजस्थान प्रेरक रचनाएं ,
  • सिरजक : ताड़केश्वर शर्मा ,
  • संपादक : मनोहर प्रभाकर / नारायणसिंह भाटी ,
  • प्रकाशक : राजस्थान स्वर्ण जयंती समारोह समिति, जयपुर
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