काली जीन्स अर धोलो धप्प टॉप

आंख्यां माथै सनग्लासेज लगायां

स्कूटी माथै जावती मैडम रै लंघ्या पछै

चौरावै माथै ऊभै डोकरै

खुद री धोती संभाळता थकां कैयो-

मादरचोद!

अंगरेजणी कुण आयग्यी म्हारे गांव मांय?

भींत रै लारलै पासै बटोड़ै मांय

थेपड़ी चिणती लुगाई

ओलो चक'नै दियौ पडुत्तर-

इबकाळै म्हारली सुमनिया बारहवीं मांय हुयग्यी।

स्रोत
  • सिरजक : बी एल पारस ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी