म्हैं सूरज सूं तूट’र
नाकै होयगी
पण अजै ई
अंधारै नैं कैवो
म्हनैं
मारग दीसै है
सैंग च्यानणो
म्हारी
बाट अडीकै है।
स्रोत
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पोथी : मंडाण
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सिरजक : रचना शेखावत
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संपादक : नीरज दइया
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प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी
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- संस्करण : प्रथम संस्करण