प्रीत

अणलिखी पोथी हुवै

सबद नीं

सबदां रै बिचाळै

आंख गडावो

काळा आखरां नैं

पूंछ’र धोळा करद्यो

कागद हो जिसो

नीं निसरज्या

जद तांई

पैटो नीं मिल सकै।

स्रोत
  • पोथी : नेगचार पत्रिका ,
  • सिरजक : अनुराग ,
  • संपादक : नीरज दइया ,
  • संस्करण : अंक-16
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