अलख को लखबो
मामूली बात कोई नै...
ई कै लेखै
जाण'र अणजाण
होणो पड़ै छै!
उस्यां भी म्हाका
सास्तर क्है छै
ज्यो जपै ऊं सूं
जप-ना..!
ज्यो तपै ऊं सूं
तप-ना
ज्यो साधै ऊं सूं
साध-ना।