कणा तो

साम्हीं जा’र सड़क पर

पकडूं थारो हाथ

अर कणा

आगलै चौरावै बैठ'र

देखूं थारी बाट

ईं वास्तै नीं

कै म्हैं थारो भलो चाऊं

हां

ईं वास्तै

कै जे लारै छोड़ देतो तन्नैं

तो म्हैं भी

रह ज्यातो लारै।

स्रोत
  • पोथी : मनमीत सोनी ,
  • सिरजक : मनमीत सोनी ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’