आयौ है तिवार तो सावण रौ

साजन सागै झूला खावण रौ

झूला झूलै डाली डाली सूं

रीझै फूल बाग हरियाली सूं

नाचै मनड़ै रा मोर अठै जद

रमै घूमर तीज मतवाली सूं

हिवड़ौ करै गीत गावण रौ

आयौ है तिवार तो सावण रौ

सखियां सारी बातां बतलावै

लाज आवै नीं व्है सरमावै

जद संदेसौ पीया रौ आवै

नाचै गावै अर संग नचावै

रिमझिम बरसै मनभावण रौ

आयी है तिवार तो सावण रौ

अठै सगळा हिलमिल गावां गीत

अठै नीं भूलां पुरखां री रीत

लोक लाज मुरजादां में रैवा

अठै मन सगळा रौ लैवा जीत

भंवरजी दिन है प्रेम पावण रौ

आयौ है तिवार तो सावण रौ।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : दीपा परिहार 'दीप्ति' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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