अबखायां-उळझाड़

कीं बीजी

माथाफोड़ी रौ

अेक दरखत

क्यूं है

म्हारै मांय

हरौ-भरौ

रातौ-मातौ

कांई म्हैं

सींच्यौ हो इण नै

बगत-बगतसर

करण-पूरण

मन माफक

जीवन-जथारथ री

आडी-टेढी

आड्यां नैं

या

कीं बीजी

मनचिंती सारू

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुनियोड़ी