अबोट हिरणी ज्यूं

घूमती रैवै

अेक मूमळ

खेत में...

सोधती हौवे

कस्तूरी मिरग

अर

टाबर ज्यूं बोलै

म्हारी मा...म्हारी मा...।

स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक (दूजो सप्तक) ,
  • सिरजक : गौरीशंकर ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’ ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन
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