इण आभै री अणमाप ऊंचाईयां
आ कैड़ी हांफळ मची है
लोहीझांण
आभै री सूरत
ठा नी पड़े कठै काई व्हैगौ है ?
उडता कागला, चीलां अर गिरजड़ा
मिळ'र बांट लियौ है
आखै आभै नै
चिड़ियां, कबूतर अर दूजा पंखेरू
जोवै खुद रा ठांव
वांरौ कठैई नी लागै दांव
कागला, चीलां अर गिरजड़ा रा
गोटमगोट
बणाय लोही रा ठाण
तणाय हाडकां री टाल
आंरा तीखा दांत-पंजा सांतरा
कांपै पंखेरू साथै करता जातरा
कुण आं सांम्ही आंख उठावै
औ बंटियोडौ आकास आंरी
बापौती बणगौ
जम्योड़ी जाजमां लागै
लोही री रैवणां बणगी
धमचक मचावै वां गरीबां नै औ सतावता
अर वै भूखै पेट सोय जावै कुरळावता
जम री दाढां में कूण जावे
जे घांटी ऊंची करै तौ
घांटी धड़ सूं न्यारी व्है जावै
आ बात आज इतिहास बतावै
भोळां री आंख्यां काढी जावै
व्यवस्था रै नांव आंरों छल-छदम रौ बौपार
सिंझ्या लाली झलकावै वांरै खून री
लागै सांझ-सवार भूख दो जूण री
अै नखां बायरा पंखेरू
कद भेळा व्हैला?
इण आभै री अनीति रै खिलाफ
देखां, कद तांई चालैला
औ रगत रौ बौपार।