गारा नुं घोर, छापरू
गारा नां ठाँव
सुक थकी जीवै है
आ आपणुं गाँव।
लीला खेतर, मेड
पगडण्डी, गलियारा
टाडू टाडू पाणी भरै
गांव ना नदी नारा।
केटलु सुक आले है
वड़ला नी छाँव
सुक थकी जीवै है
आ आपणु गाँव।
हवेर हवेर गाये है
सकली घेर आई
वाल थी बोलै है
खोटे बाँधी गाई।
खुसी थकी नासै है
वासुडा ना पाँव
गारा नु घोर, छापरू
गारा नां ठांव
सुक थकी जीवै है
आ आपणु गाँव।
हूरज-बावजी आवै है
होनु वर सावै है
गंऊ नो दाणो-दाणो
मोती बणी जावै है
हीरा उपजावै है
आ गारा नु गाँव
सुक थकी जीवे है
आ आपणु गाँव।
जमी-जमी माता है
अमें एना सोरा
रात-दण मैनत थी
नै मोडू हमें मोंडा
व्हालो है तड़को ने
व्हाली है छाँव
सुक थकी जीवे है
आ आपणु गाँव।