आओ सा! बात करां!

शह देवां! मात करां!

कीं तो सरणाटो टूटैलो,

कीं तो रात कटैली।

बातां मांय सूं बात निकळसी,

कीं तो बात बणैली।

क्यूं निसासु हुवां, बध आगै,

दो-दो हाथ करां।

थां री, मेरी, वां री, सब री

अेक राम-कहाणी।

मूंडो तकै अेक दूजै रो,

और नीं आणी-जाणी।

पकड़ हाथ में हाथ,

अेक दूजै रो साथ करां।

मूंडो सीम ना बैठ बावळा,

हियै ताकड़ी तोल।

जबान जद खुलै,

तो बणै सबद-सबद अणमोल।

बड़ा बोल नीं बोलां पण,

जितरी औकात करां।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : मंगत बादल ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी