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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
झूठै की के पिछाण
लोक परंपरा
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झूठै
की
के
पिछाण,
कै
बो
सोगन
खाय।
अर्थ
-
झूठे
की
क्या
पहिचान?
उत्तर,
वह
सौगन्ध
खाता
है।
स्रोत
पोथी
: राजस्थानी कहावतें
,
संपादक
: कन्हैयालाल सहल
,
प्रकाशक
: राजस्थानी साहित्य संस्थान
,
संस्करण
: द्वितीय संस्करण