आला अफसरों ने ई बात री चिन्ता घणीं कोनी ही कै जिण गांव रो दोरो मन्त्रीजी कर रह्या है, बठै बांरी आवभगत कियां बणसी, बाकी ईं बात रो बांनै घणो इचरज हो रह्यो हो कै आखिर मन्त्रीजी जैतरण जिसा छोटा सा गांव रो दोरो करणो क्यूं कर तय कर्यो? पण अब ईं बात रो ठा पाड़ण रो तरीको भी कोनी हो। क्यूं कै मन्त्रीजी अबार अबार ई तो ईं विभाग नैं सम्हालियो हो सो कोई मूंडै लागेड़ो मुलाजिम हो भी कोनी जको ईं बात री सुरबाळ (गुप्त सूचना) ल्या देतो। खैर जी अब तो त्यारी करबा रो टेम सामनै आयग्यो हो सो अब तो दो ही उपाय हा कै कै तो खुद आला अफसर अर नीचला मुलाजिम खुद जैतरण में आवभगत री त्यारी करै या फेर बठै रा विकास अधिकारीजी रै माथै सारो बोझ म्हेल दै। आखिर सोच विचार’र आ ई तय करी कै बी० डी० ओ० नै ही पूरी हिदायत दे दी जाय। क्यूं कै सामनैं दो दिन रो टेम ई तो हो जींमैं त्यारी करणो कोई हंसी-ठट्ठा रो काम तो हो कोनी। ले-दे’र अफसराई सूं काम लियो गयो अर मन्त्रीजी रा दौरा रा विषय में एक तार विकास अधिकारी जी कै नांव ठोक दियो अर आ हिदायत दे दी कै जैतरण नै एक आदर्श-गांव रै रूप में पेश करणो है अर धूम धाम सूं मन्त्रीजी री आवभगत करणी है। आ खुल्ली छूट भी दे दी गई कै रुपिया-पीसा री चिन्ता मत करज्यो। बस मन्त्रीजी नै लागै कै जैतरण कतरो खुसहाल अर बढ्यो-चढ्यो गांव है।
विकास अधिकारीजी दफतर मांय बैठ्या ऊंघ रह्या हा, तार पढ़’र बांनै चेतो हुयो। झटपट सै मातहतां नै बुला’र कमरा में एकठा कर लिया अर बोल्या—ऊचला दफ्तर सूं तार थायो है’क परस्यूं मन्त्रीजी जैतरण गांव रा दौरा सारूं पधार रह्या है। नुवां मन्त्री मण्डल में आयां पछै बांरो ओ सै सूं पहलड़ो दोरो है अर बो भी जैतरण जिसा छोटा सा गांव में। सो देखल्यो। एक दिन रै मांय-मांय आपा नै सारी त्यारी करणी है। ओ बिभाग री मान-मरजाद रो सवाल है। थांनै याद होसी कै लारली बार जद जूना मन्त्रीजी बसरा गांव में आया हा तद आपां रात-दिन एक कर’र गांव रो रंग-रूप निखार दियो हो सो मनै आ आसा है कै बियां ई अबकै सै एक जुट हो’र जैतरण री काया पलट करणै अर मन्त्रीजी री आवभगत करणै सारू आप लोग तन-मन सूं हाथ बंटाओला।
सै जणां विकास अधिकारी री बात थ्यावस सूं सुणीं। एक बाबू मन गाढो कर’र पूछ्यो—पण स्साब, जद तो आपां कनै अणाप-सणाप दाम खरच करण रा आडर हा सो रातूं-रात सारी त्यारी होगी। मन्त्रीजी भी घणा राजी होकर ओठा गया। थोडो’क अठी-उठीनै देख’र धीरै सी बोल्यो— अर स्माब जद तो आपणै सबकै पल्लै क्यूंक पूंण पावलो पड़्यो हो।
विकास अधिकारीजी बोल्या—खरच री चिन्ता मत करो, आपां नै खूब खरच करण रो हुकुम है। बस एक ई बात रो ध्यान राखणो है’क परस्यूं दिन ऊगे तांई मन्त्रीजी री आवभगत री सारी त्यारी हो जाय।
ईं रै बाद मन्त्रीजी रै दोरै रै दो घन्टा रै परोग्राम री बातचीत हुई। ई इलाका रा विकास अधिकारीजी आापरा दरजा रा और अफसरां हूँ ज्यादा समझदार घर काम रा करणिया गिण्या जाता हा। सा बांनैं आपरी योग्यता रो पूरो नमूनो देणो हो। बै भोत सोच समझ’र, प्लान बैठा कर मान-मनवार अर आवभगत री त्योरी चालू करी। न्यारा-न्यारा गांवां में लागेड़ा आपरा मातहतां नै तुरन्त आपरा दफ्तर में बुला लिया, जकां मांसूं घण-खरा’क तो दफ्तर में ई मोजूद हा। खेती रो विकास दरसावण खातर रातूं रात एक दिखावटी खेत बणावण री योजना बणाई। अठी-उठी रा गांवां रा खाता-पीता कास्तकारां नैं मन्त्रीजी सूं मिलाणा हा। पढ़ाई-लिखाई रो परचार दिखावण सारू एक प्रदर्सणी भी दिखावणी ही। गांव रा टाबरां सूं राष्ट्र-गीत गवाणो, एक आदर्स इसकूल रो निर्माण करणो अर बीं रै खातर पढ़णियां छोरा इकठा करणा। ईं तरै सूं सो क्यूं बणावटी अर दिखावटी अर बो भी बस एक दिन अर एक रात में त्यार करणो।
विकास अधिकारीजी नै आं सारी बातां रो घणो अनुभव हो। अर फेर मन सारू दाम खरच करण री छूट सो बै अबकै भी कमर कस’र त्यार होगा।
न्यारा न्यारा आदमियां नैं न्यारा न्यारा काम सूंप दिया। सब नै दाम खरच करण री छूट ही। जैतरण रै नजदीक हाळा शहर कांनी कोई आठ जीप दौड़ पड़ी अर इतरी ई गाड़ियां न्यारा न्यारा गांवां कानी।
गांव रै कनैं ई जीत्या अहीर री जमीन पर एक बणावटी खेत त्यार कर्यो गयो। टेकटर सूं जमीन नैं पोली करी अर च्यारूं मेर बाड़ लगायदी। आस पास रा चोखा खेतां सै बाजरा रा सिट्टा लागोड़ा पौधा मंगा’र फसल रै रूप में खड़ा कर दिया। खेत में, सरकार सूं मिल्योड़ै रासायनिक खाद री बोर्यां घरवा दी अर अठी उठी नै नुवां नुवां ओजार-पाती पटक दिया।
भीखै कुम्हार अबार ई पक्को मकान बणायो हो सो बींनै एक सो को नोट दियो अर बीं रा मकान में गांव री आदर्स इसकूल बणाई। दस मजूरां नै लगा’र गांव रा कूवा री टूट-फूट सुधरवायी अर च्यारूं मेर चौपड़ो बंधवा दियो। कबूतरां खातर चुग्गो घर,गायां खातर घास रो ठाण अर टाबरां खातर खेलबा रो मैदान बणायो गयो। पंचायत-घर में एक सिक्छा री उन्नति री प्रदर्सणी लगाई। गांधीजी, नेहरूजी अर डा० राजेन्द्रप्रसादजी री बड़ी-बड़ी फोटूआं काच में मंढार टंगवा दी। सिक्छा री प्रगति रा आंकड़ा ग्राफ अर चार्ट बणा’र लगाया गया। आडै पाडै रा समझदार लोगां नै भाड़ो दे’र टेम पर बुला लिया। मन्त्रीजी री आवभगत सारूं एक सामियानो ताण’र मंच ई बणाय दियो।
मन्त्रीजी रा पधारबाळा दिन ऊगै ताईं तो जैतरण री काया पलट होगी। बरसां सूं जिण गांव कांनी कोई ध्यान कोनी दियो हो, को आज यूं लाग रह्यो हो जाणै जादू सूं नयो गांव बसाय दियो होवै। अब आ बात दूजी हो कै सरकारी खजानां सूं हो रह्यो ओ खरचो आपरी हद नैं भी छेक ग्यो हो।
दिनगे आठ बज्यां तांई जैतरण गांव में जिला ओफिस अर सचिवालय रा अफसर पूगग्या। सब लोग विकास अधिकारी री मेहनत री तारीफ कर रह्या हा। एक दो जगा तो बां री सिफारिश करण री बात ई कही। विकास अधिकारीजी फूल्या-फूल्या डोल रह्या हा।
ठीक दस बज्यां मन्त्रीजी री कार आई। बै कार सूं उतर’र खड़्या होया तो सोळूं सिणगार कर्योड़ी सात लुगायां बांरी आरती उतारी। फेर मन्त्रीजी मंच पर आया तो टाबरां मिल’र राष्ट्र-गीत गायो। बठीनै शहर सूं बोलायोड़ा फोटू ग्राफर दनादन फोटू खींच र्या हा।
गांव रा बडा कास्तकारां री जाण-पिछाण मन्त्रीजी सूं करायी गयी। मन्त्रीजी देख्यो कै सामनै री सीटां पर भाषण सुणण खातर सब कास्तकार बैठ्या है। मन्त्रीजी बांनै देख’र घणा राजी दीख पड़ा। बडा जोस-खरोस सूं बै किसानां खातर जोरदार बातां कही। बां नै देश रा सांचा पहरादार बताया अर गांवां नै भारत री आतमा बतायी जका री उन्नति सूं हुई देस री सांची उन्नति हो सकै।
भाषण रै पछै एक धन्यवाद प्रस्ताव हुयो अर मन्त्रीजी नै, राज्य रा काळ पड़ेड़ा इलाकां खातर एक हजार रुपियां री थैली गांव रै तरफ सूं भेंट करी गयी। फेर बां नैं गांव री पाठशाळा, खेलवा रो मैदान, घर पंचायती-घर में लागोडी प्रदर्सणी दिखाई। मन्त्रीजी घणा राजी हुया। फेर जीत्या अहीर वाळो खेत दिखायो जठै बाजरा री जोरदार फसल लाग री हो। लाग्यो कै मन्त्रीजी राजी हो रह्या हैं।
मन्त्रीजी रो जीमण रो परबन्ध जैतरण में ई हो सो जीमतां बखत मन्त्रीजी से ई अफसरां री बडाई करी अर विकास अधिकारी जी री खास तौर सूं तारीफ करी। बीं टेम बै आ भी कही कै आज देश रा हरेक गांव ने आदर्स गांव बणाबा री जरूरत है।
मन्त्रीजी रो दौरो खतम हुयो। जैतरण का लोगां रो धन्यवाद कर’र बै कार में बैठग्या। पांच-सात और कारां अर जीपां साथ ही। मन्त्रीजी री कार चालतांई बै भी सब चाल पड़ी।
जैतरण गांव सूं कोई सात-आठ कोस दूर आ’र चाण-चुक मन्त्रीजी री कार डटगी। मन्त्रीजी उतर’र विकास अधिकारी री जीप कनै आया। विकास अधिकारी जीप सूं उतर’र हाथ जोड’र खड़्यो होयो। मन्त्रीजी गम्भीर आवाज में बोल्या—आप मेरै साथ आओ।
विकास अधिकारी री हालत पतळी होयगी। पण जियां कियां हिम्मत कर’र मन्त्रीजी रै लारै-लारै हो लियो। कोई पांवडां दसेक परै जायर मन्त्रीजी बोल्या— बी० डी० ओ० स्साब! थे भोत झूठा अर मक्कार आदमी हो। शायद थे आ समझ लियों’क यो दिखावटी आदर्स गांव बणा’र थे मने बेवकूफ बणा दियो। पण याद राखज्यों’क ओ बणावटी काम जंचा’र थे म्हनै ई नीं, सारा देस नै धोखो दे रह्या हो। जाणो हो, धोखा रो ओ सिलसिलो एक रै बाद एक, छोटा सू छोटा मुलाजिम नै कामचोर अर भ्रिष्ट बणावे। साल भर पड़्यां पड़्यां ऊंघणो अर टेम पड्यां सरकारी खजानो लूट’र आपरा अफसरां नै राजी करणा’ळो काम घणो खराव अर खतरनाक होवे।
विकास अधिकारीजी तो इयां होयग्या जाणै तो आकास सूं हाथ छूटग्या, सिर नीचो कर्यां खड़्या रह्या। मन्त्रीजी कै रह्या हा—आप जिसा धोखा-धड़ी करणियां आदमी अै सबज बाग दिखा’र देश री जड़ाँ काटर्या है। जो म्हूँ चाहतो तो बीं टेम ई थांरी रचेड़ी बीं माया नगरी रो पर्दो फास कर देवतो। पण मैं थांनै एक मौको और देवणो चाऊं हूं। जरा सोचो आप ई यूं धोखा-धड़ी रौ व्यापार करोगा तो देस री आवण वाळी पीढ़ी रो कांई हाल होसी? थोड़ा रुक कर फेर बोल्या—जाओ थे पाठशाळा रा झूंठा बोर्ड उतरवाओ, बाजरा री दिखावटी फसल ने ठीडे ठिकाणै लगबाओ। ओजूं इसो नीच काम मत करजो।
विकास अधिकारीजी रै समझ नीं पड़ री ही कै कांई करै। मन्त्रींजी रा पगां में लोट’र माफी मांगै’क आपरा करेड़ा करतबां रो पछतावो ले’र ओठा चल्या जाय। बै माटी री मूरत बण्या खड़्या रह्या। जद ई बांनैं कारां री इस्टाट होण री आवाज सुणी। बानैं जियां चेतो होयो। मन्त्रींजी अर अफसरां री कारां चाल पड़ी ही। विकास प्रधिकारीजी देखता रह्या कारां रा फिरता पहिया अर उड़ती धूड़...।