बो बड़ी दूर सूं अठै आयड़ो हो। अठै गऊसाळा में गऊवां नै नीरणै-चारणै रो काम करे करतो। बो जद गऊसाळा छोड’र म्हारै पड़ोस में किरायै रै मकान में रैवास सारू आयो तो म्हानैं ठाह चाल्यो कै बीं कनै तो समान ई अणूंतो है। बै समान टैक्टर-ट्राली मांय घाल’र ल्याया हा। माचा-घाबा, बरतन-भांडा आद तो चलो सगळां कनै ई हुवै है, पण बीं कनै तो टी.वी. अर फ्रिज तकात हो। सन्दूक तो होणों ई चाइजै, पण बीं कनै तो दाणां राखण सारू लोह री टंकी भी ही। हा भी छव जणा। अेक छोरी अनै तीन छोरा। दो बै मियां-बीवी आप।
गऊसाळा सूं निकळ’र आवण रो कारण बां कोई लड़ाई-झगड़ो बतायो। बां कनै इत्तो माल-मत्तो हुवण रो कारण म्हारै ध्यान में आयो। बै सारा जीव कमावता। सारा जी झांझरकै च्यार बजे उठ ज्यावता। बो आप गऊवां नैं नीरा-चारी रो काम करतो। दोनूं छोरा गऊआं रो गोबर उठांवता। अेक छोरो कीं रै घरै जा’र बां री गा री नीरा चारी कर देवतो। दूध काढ देवतो। मां-बेटी कई घरां में भांडा-बरतण अर बुहारी-झाड़ी कर आवती। ईं तरां मैनत सूं बांरी गुवाड़ी बड़ी ठाठ सूं चालती। लड़का स्कूला मांय भण्या करता। स्कूल टाइम सूं पैलां-पैलां मैनत मजूरी रा काम सलटा देवता अर बाद में नवै मॉडल री साइकलां माथै चढ’र स्कूल जावता।
पण अेक बार बो गाम इस्यो गयो कै पाछो नीं बावड़्यो। लेरै सूं बीं री गऊसाळा री नौकरी छूटगी। लुगाई-टाबरां री कमाई सूं के गुवाड़ी चालती? लुगाई बीमार और रैवण लागगी। बीं रै डागदरां टी.बी. बताय दी। बीं री दवायां अर खाण-पीण रो खरचो और बधग्यो। आखिर, बां फैसलो कर्यो कै अठै सूं चालां। घरआळा अर रिस्तेदारां भी बां नैं पाछा बावड़ण रो कैय दियो। इयां कर’र बां चालण रो सुवांज कर लियो। पण इतै माल-मत्तै सागै जाणो किस्यो सोरो हो? जद बै आया हा, इत्तो समान नीं हो। ओ तो बां अठै आय’र धीरै-धीरै जोड़्यो हो। बां जिस्सी जिन्दगी बडै घरां में देखी, बिस्सी ई जिन्दगी जीणी चाई। बां री जात बिरादरी आळा लोग भी नौकर्यां लागण रै कारण सूणी जिन्दगी जी रैया हा। बीं रो तो बाप भी फौज री नौकरी सूं रिटायर हुयड़ो हो। ईं कारण बो भी कीं कारण बो भी कीं पांच किलास पढेड़ो हो अर अठै टाबरां नैं भी भणाण लागर्यो हो।
खैर! समान हो तो अब तो बीं नैं लेय’र ई जावणो हो। भाड़ै रै डर सूं बगा’र तो जाण सूं रैया। अठै सूं टरक भाड़ै कर’र लेय जाण पर भाड़ो दस हजार रिपियां सूं कम नीं हो। इत्तो भाड़ो बां नैं काफी भारी लागै हो। बां रै गामां कानी बां रो अेक भणेई टरक चलावतो। बां फोन पर बीं सूं बतल करी तो बण बतायो कै म्हैं पांच-दस दिनां में थारै कानी टरक भर’र ल्यास्यूं। इयां कर’र थानैं चोखो सावळ पड़ ज्यासी। ईं सारू बै टरक आवण री उडीक करण लाग्या।
टरक आवण री तारीख पक्की हुवतां ई बां टाबरां रा स्कूल सूं साटिफिकट कटा लिया। बस्ता बांध लिया। कीं बांधणजोगो समान भी बांध लियो। बीं री घरआळी तो बीमार हुवण सूं घरां रो काम कई दिनां सूं छोड राख्यो हो। लड़की काम माथै जावती पण अब बण भी छोड़ दियो। बीं री लुगाई रो इलाज सफाखानै में चालतो। जावण रो तै हुयां बीं रो सफाखानै सूं टिकट कटा लियो आगै जाय’र इलाज सरू करवायो जा सकै।
पण टरक आवण में तो भिचोळ पड़ग्यो। समाचार आयो कै टरक तो खराब हुयग्यो। सावळ कराण में टेम लागसी। अब बै बापड़ा के करै? बां रा तो काम-धंधा बंद हुयग्या। बच्चां रो पढणो बंद हुयग्यो इलाज अेक ओ ई हो कै कोई और टरक भाड़ै करै। पण भाड़ै री मार सूं बै डरै भी तो हा। चाये बां कित्तो ई समान जोड़ लियो हो अर आछी जिन्दगी जीवता, पण हा तो मेनत मजूरी करणआळा ई। मेनत-मजूरी भी अब कई दिनां सूं छूट चुकी ही।
ईं बात रै सैकारै सूं लुगाई तो दुगुणी बीमार हुयगी। बीं नैं तो सांस ऊपर-ऊपर ई आवण लागग्या। ठाह चाल्यां मिलण-जुलणआळा आया। बो भी गाम सूं बावड़्यो। मिलण-जुलणआळां मांय ज्यादा अणपढ हा। लुगायां तो खास कर’र। बीं नैं देख’र बां अैलान कर दियो कै ईं रै तो ओपरी है। कोई स्याणो बुलाओ अनै झाड़-फूंक कराओ। बो भी कोई घणो समझदार नीं हो। कीं भीड़ बुंदळा राख्यो हो। बातां में आयग्यो अर झाड़-फूंक आळा नै बुलातो रैयो। पण झाड़-फूंक सूं कदे कोई मरीज ठीक होयो है तो बा होवती? आखर में बां रै घरै कीं ज्यादा माणस-लुगायां नैं आवता-जावता देख’र अेक स्याणी पड़ोसण बां रै घरे गई। बण देख्यो तो कैयो – “ ओ थे कांई करो? ईं नैं थे सफाखानै लेय’र जावो। ईं रो इलाज बठै होसी। झाड़ा-फूंकां सूं तो थे ईं नैं जादा मांदी कर लीन्ही।”
जद बै अेक रिक्सै मांय बिठायनै बीं नैं सफाखानै लेयग्या। डागदरां कैयो – “थे घणी ताळ लगाय दी। फेरूं भी देखस्यां।” बां आक्सीजन लगाई। टीका लगाया पण कीं करम-कारी नीं लागी। आधी रात नैं बण तो पिराण दे दिया। टाबर-टीकरां रोवणो कूकणो सरू कर दियो। पण बो तो रो भी नीं सक्यो। बीं रै समान मांय लुगाई री ल्हास और जुड़गी ही।