1

लाय है लाय
आंसुवां सूं नी बुझै
मन में लागी

2

कथगी मीरां
प्रीत-गीत फूल नीं
खीरा ई खीरा

3

रोजीना राड़
कांटा हुवै तो कांई
आछी है बाड़

4

टूटयोडो पंख
देख'र रोवै, कैवै-
म्हैं भूलग्यो आभो

5

अबै पींजरो
दाणां सटै गमायो
आभै रो सुख

6

आडो तो खोल
भोर बीनणी लायी
उजास हांती

7

व्है क्रोंच वध
फूटै कोनी कविता
भाट्ठो है मन

8

आंख नै आंख
होळै-सी पूगा देवै
मन री बात

9

इत्ता कंवळा
आखर कथै साच
इत्तो करड़ो

10

गयो सो गयो
पाछो कुण आवैला
बगत का म्हैं

स्रोत
  • पोथी : बिणजारो पत्रिका ,
  • सिरजक : सांवर दइया ,
  • संपादक : नागराज शर्मा
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