सब सूं पैला आवै चाय
सब नै सुबै जगावै चाय
तठ लग आळस कोनी भाजै
जठ लग नीं आ जावै चाय
बालक बूढ़ा के जवान व्हो
सगळां नै ई भावै चाय
अमल, कसूंबा, गुङ नै भूलौ
जूनौ बैर मिटावै चाय
कळजुग रो अमरित है चाय
लोगां पीवै, पिलावै चाय
सब पकवान अधूरा लागै
जठ लग नी पिलावै चाय
आ दुनिया मतलब री बैळी
बिना गरज कुण पावै चाय
चाय हेत री सौलाणी है
प्रेम-भाव दरसावै चाय
उण दिन चाय चायङी बणज्या
जदै बिसन बण जावै चाय।