इक सुरंग गरीबी

जबरौ जंग गरीबी

बैवती तोड़ती कारां

निरमल गंग गरीबी

मैकती, रूप री पूनम

उतर्‌‌यो रंग गरीबी

काळजै टांकती टांका

चेहरौ दंग गरीबी

तोड़ळी डोर जीवण री

कटी पतंग गरीबी

कूकती डाडती दुनिया

मुधरौ चंद गरीबी

दोगलै इण जगत रै मांय

जीवण ढंग गरीबी

खणकतै खूंजां रै वौपार

हाथां तंग गरीबी

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत मई 1983 ,
  • सिरजक : आईदान सिंह भाटी ,
  • संपादक : नरपतसिंह सोढ़ा ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर
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