सात रंग रा सरनामा रो कागद बादळ!
धरती नै रामा-सामा रो कागद बादळ!
बूंद पड़ै जद झिर-मिर झिर-मिर सबद उकळता,
विरह दगध अबळा वामा रो कागद बादळ!
प्रीत,विरह,उच्छब आंसू, सपना,अर यादां,
अणगिणियां कितरा गामां रो कागद बादळ!
मोर नाचियो, शोर कियो पिक, प्होरी वैली,
पायौ खुद खुद रा नामां रो कागद बादळ!
नाचै टाबर कर किलकारी ताळी दे दे,
हँसी खुशी अर हंगामा रो कागद बादळ!
पढ-पढ मोदै नरपत आखर भाव सुरगां,
आयौ धर मेघा मामा रो कागद बादळ!