रोज मिलै बै यार कठै

मिल जावै तो प्यार कठै

रात कठै बै बात कठै

पाणी हाळी कार कठै

मजनूं जावै रोज मजूरी

लैला नै सिणगार कठै।

टीवी-टम-टम मां रमग्या थे

बेली बैठे रार कठै

रोज मिलै बै सड़का माथै

कांई पूछा घर-बार कठै।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थली ,
  • सिरजक : पवन शर्मा ,
  • संपादक : श्याम महर्षि
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