जस रा मारग झेल कर ठावी कीनी ठौड़

पिछम धरा रो पाटवी रंग पाबू राठौड़

केसर घोड़ी काळवी जुडै जिणरी जोड़

अमर नाम इळ ऊपरां रंग पाबू राठौड़

जिन्दराज सूं झूंझियो जायल हन्दी जौड

ऊजळ दूध उजाळियौ रंग पाबू राठौड़

चाँदो डेमौ चाव सूं किया घणैरा कोड

गूंजै घर घर गीतड़ा रंग पाबू राठौड़

अमरकोट रै आँगणै सोढी रौ सिरमौड़

चौथे फेरै चाल्यो रंग पाबू राठौड़

सोढी छोडी सोवणी तंतु कांकण तोड़

निवत मरण निवारियो रंग पाबू राठौड़

भालाळो भल भळकियो कोळूमंड किरोड़

अनमी अवर आप सम रंग पाबू राठौड

अमराणे में आय़ कर बीखो बहुत बिछौड़

व्हाली छोड़ी वाहरू रंग पाबू राठौड़

देवलदे दीन्ही दखल खींची कीन्ही खौड़

वचन रुखाळु वीरवर रंग पाबू राठौड़

पत राखण पालण परण हुवै थांरी हौड़

पिरथी पर पिछाणियो रंग पाबू राठौड़

माथौ दे मनवारियौ दुसमी आयो दौड़

रगत रंग रंग दी रसा रंग पाबू राठौड़

भोपा गावे भाव भर जस थारा कर जोड़

रावणहथा राग रस रंग पाबू राठौड़

दिस दिस थांरा देवरा पडवांडां री पौड़

अवल पीरजी आप ने रंग पाबू राठौड़

स्रोत
  • सिरजक : रतन सिंह चांपावत ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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