भलाई रो अबे बाकी रियो कोनी जमाणो भी

बुराई सूं हुयो दुसवार मिनखां ने बचाणो भी

भले मिनखां रो अब तो जीवणो भी हो गियो दोरो

बणी है आज दुनिया बुराई रो ठिकाणो भी

सुवारथ अर दगाबाजी मिनख रो काम अब होयो

मिनख तो बावळो हुय ग्यो, हुयो गैलो, दिवाणो भी

कठे है आबरू बाकी, मिनखचारो रियो कोनी

कमाई झूठ री खावे, पचे नीं सच रो दाणो भी

अमीरां री करे है चापलूसी हर मिनख 'क़ासिम

गरीबां ने है कुण चावै, गले सूं तो लगाणो भी

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : कासिम अली ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी