प्रेम परख जतलाणो पड़सी
घोर अंधारा जाणो पड़सी
हेत हथाई मगसी लागै
अपणायत नै आणो पड़सी
अपणो दुख दरसाय बिना ई
गीत हरख रो गाणो पड़सी
बिक जावै कद मोटी कोठी
झूंपा नै अपणाणो पड़सी
खुसियां रा दिन भी आवैला
बीत्यो बगत भुलाणो पड़सी