पैली का रजवाड़ा देख्या
अब का भी ये राजा देख्या
गैल्या गळगच खातर देख्या
भूखां मरता दाना देख्या
ठाकर जी देख्या सूणां का
घर-घर गार का चूल्या देख्या
कोई बगत पे काम न्हं आयो
देख्या अपणां-पराया देख्या
म्हारी कुण सुणतो फरियादां
अपणी-अपणी गाता देख्या
लारै रहबा सूं छै आछो
दूरां ई जद मनड़ा देख्या
‘कमसिन’ उठतां ई यो के?
मूंडा अखबारां का देख्या