ऊगतो सूरज

जगतो सूरज

माळा फेरै

बगतो सूरज

टीबा सागै

रमतो सूरज

काम करै सो

तपतो सूरज

कुण देख्यो है

थकतो सूरज

बरसै आभोट

हंसतो सूरज

कनका नै देख

निवतो सूरज

सगळा रा दुख

हरतो सूरज

कैवै कीं नीं

संकतो सूरज

भूखो तिस्यो

तकतो सूरज

पाळै मां कद

जमतो सूरज

सोवै कद हो

चलतो सूरज

म्हैं नीं देख्यो

थमतो सूरज

म्हानै दिसै

गमतो सूरज

बात ‘पवन’ सूं

करतो सूरज

स्रोत
  • पोथी : राजस्थली ,
  • सिरजक : पवन शर्मा ,
  • संपादक : श्याम महर्षि
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