नैणा रा घाट भंवर जी।

जोवै थांरी बाट भंवर जी॥

थाळ भरिया केसर कूं-कूं,

चंदन आळा पाट भंवर जी॥

कैरां पैरण, कैरां ओढ़न।

थां बिन केड़ा ठाट भंवर जी॥

रेशम लागे लट्ठा जेडौ।

मखमल लागे टाट भंवर जी॥

कांकड़ जेड़ी सेजां लागे।

थोर सरीखी खाट भंवर जी॥

भूल्या बिसऱ्या किस बिध म्हानै।

बण ग्या कांई लाट भंवर जी॥

सांस री सीसी खूट रई रे

आओ अब भन्नाट भंवर जी॥

स्रोत
  • सिरजक : आशा पांडेय ओझा ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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