मोटी रातां तड़का मोटा
जाणै सगळा कड़का मोटा
बारोतां कर दीनी छोटी
कीकर आवै फड़का मोटा
भूख भचीड़ा खाय रैयी पण
पंचां बीच में खड़का मोटा
निजरां दीठ न आय बायली
हूय रैया सै लड़का मोटा
बिल मूसां का जदी रोकणां
देणां पड़सी दड़का मोटा
जांती का पगल्या दीसै जै
करदै सरू घमड़का मोटा
कीकर कहवां अै मरग्या जद
छाती ले री धड़का मोटा
चढ़’र कांई अकासां चढ़स्यो
रैवैला तो बड़का मोटा।