म्हारा तो अैड़ा ढंग रैया है

साथी सगळां ही तंग रैया है

म्है तो नीं हां चनण भला

पण चिमट्या तो भुजंग रैया है

डोर बिराणै हाथ सदा सूं

यूं उडता तो पतंग रैया है

म्हे तो हां नौकर सरकारू

पण लोग कठै दबंग रैया है

झूट-कपट अर लीपा पोती

जीवण रा कांई ढंग रैया है

नाम ‘पवन’ पण काम कुचरणी

देख’र साथी दंग रैया है।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थली ,
  • सिरजक : पवन शर्मा ,
  • संपादक : श्याम महर्षि
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