हर बार गवा री म्हाकै वा।
हर दैण दवा री म्हाकै वा।।
ऊ सूं ई रस भरी जिन्दगी।
मू सेर सवा री म्हाकै वा।।
हरदै सरधा भाव गळगचां।
सीस नवा री म्हाकै वा।।
बळबळती रोटी का फुलक्या।
नज च्यार कवा री म्हाकै वा।।
सदा सुहागण बणी गणगौर।
हर रोज जवा री म्हाकै वा।।
हरक हरक फरकी खाती।
रत गीत गवा री म्हाकै वा।।