ममता नै वौ मोल रयौ है

मां री छाती छोल रयौ है

बाण जीयां बींधै हिरदै नै

अैड़ी बातां बोल रयौ है

सुण सुण मां री रूह धूजगी

कानां में विस घोळ रयौ है

मांग रयौ सो लेखौ जोखौ

सांसां नै तोल रयौ है

पूत कपूत लजातो कुळ नै

मारग उलटौ चाल गयौ है

मोटौ मिनख जाणियौ जिण नै

असली चैरौ खोल रयौ है

मायड़ रौ काळजियौ कळपा

सात भवां नै रोळ रयौ है

स्रोत
  • पोथी : आंगणै सूं आभौ ,
  • सिरजक : शारदा कृष्ण ,
  • संपादक : शारदा कृष्ण ,
  • प्रकाशक : उषा पब्लिशिंग हाउस ,
  • संस्करण : प्रथम
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