मजा करै कळह रो मूळ।
घोचा करै, गडोवै सूळ।
बेसरमी ने ओढै अर बिछावै,
गुड़ावै गोट अर मारै ठूळ।
आं लोगां सूं छांटा ल्यो थे,
कर्यै करायै पर फेरद्यै धूळ।
मुरदा माड़ा तो मंडतै मेळै,
आछै भलै री हलाद्यै चूळ।
जे कोई आज्या सीध मांय,
ब्याज भरोसै डबौल्यै मूळ।