काठ है नीं कबाड़ है बाबू
रोटियां रो जुगाड़ है बाबू
ढालियो नीं किंवाड़ है बाबू
चार कानी-सी बाड़ है बाबू
तीन बेटा है कद बड़ा होसी
छोरियां रो पहाड़ है बाबू
मायतां रो तो हाथ सिर पर नीं
भाई कढी बिगाड़ है बाबू
मांगतोड़ो फिरै है गलियां में
उण रै हाथां में नाड़ है बाबू
बोल बतलावण करां कुण सूं
झ्यान झिंझट रो झाड़ है बाबू
पेट पापी है जीव रो बैरी
भूख धोबी पछाड़ है बाबू
कोई ‘खामोश’ नै बता दीज्यो
तिल रै ओलै में ताड़ है बाबू